फुटबॉल के नियम, खिलाड़ियों के उपकरण और बोर्ड के निर्णय

फुटबॉल के नियम: आधुनिक फुटबॉल को इंग्लैण्ड में द फुटबॉल एसोसिएशन, अर्थात फुटबॉल संघ के गठन के साथ कुटबंध किया गया। 1863 में लॉज ऑफ दा गेंद के आधार पर ही आज फुटबॉल खेली जाती है। अन्तर्राष्ट्रीय आधार पर फुटबॉल का नियन्त्रण फेडरेशन इण्टरनेशनल डी फुटबॉल एसोसिएशन या एसोसिएशन फुटबॉल का अन्तर्राष्ट्रीय महासंघ, जिसे सक्षेप में FIFA या फीका कहा जाता है, करता है। फुटबॉल की सबसे प्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय और लोकप्रिय प्रतियोगिता फीका विश्व कप है। इसका आयोजन प्रत्येक चौथे वर्ष किया जाता है।

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फुटबॉल के नियम

बोर्ड के निर्णय  

  1. टीम में खिलाड़ियों की संख्या कितनी होगी, इसका निर्णय राष्ट्रीय एसोसिएशन करेगा।
  2. खेल आरम्भ होने से पूर्व यदि किसी खिलाड़ी को टीम से बाहर किया जाता है, तो उसके स्थान पर सूची में बताये गये किसी सबस्टीट्यूट खिलाडी को ही लिया जाना चाहिए। ऐसे स्थानापन्न किये गये खिलाड़ी की प्रतीक्षा में किक – ऑफ में देरी नहीं की जानी चाहिए। ऐसे स्थानापन्न किये गए खिलाडी की प्रतीक्षा में किक – ऑफ में देरी नहीं की जानी चाहिए।
  3. जिस खिलाड़ी का स्थानापन्न किया गया हो, वह पुनः नहीं खेल सकता।
  4. यदि किसी खिलाड़ी का स्थानापन्न करना हो, तो इसकी जानकारी रेफरी को देनी चाहिए।
  5. सबस्टीट्यूट खिलाडी मैदान में तभी प्रवेश कर सकता है, जब मैच रुका हुआ हो या रेफरी उसे संकेत दे।
  6. यदि सबस्टीट्यूट खिलाड़ी किसी नियम का उल्लघंन करता है, तो उसको भी वही दण्ड दिया जायेगा, जो अन्य खिलाड़ियों को दिया जाता है; क्योकि सबस्टीट्यूट खिलाड़ी भी टीम का सदस्य होता है।

खेल आरम्भ

  1. खेल का आरम्भ टॉस द्वारा किया जायेगा। जो टीम टॉस जीतेगी, वह ही इस बात का निर्णय लेगी कि वह मैदान का कौन सा हॉफ लेगी अथवा कौन से किक ऑफ करेगी।
  2. खेल का आरम्भ रेफरी द्वारा संकेत दिये जाने पर ही होगा।
  3. खेल आरम्भ करने का संकेत मिलते ही एक खिलाड़ी ‘प्लेस किक ‘ द्वारा गेंद को विरोधी टीम के क्षेत्र में डालेगा।
  4. प्लेस किक लेते समय केवल किक लेने वाले खिलाडी के, उसकी टीम के अन्य सभी खिलाड़ी अपने हॉफ में रहेंगे।
  5. किक लगाने वाला खिलाड़ी गेंद को तब तक पुनः नहीं खेल सकता, जब तक कि कोई दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को खेल न चुका हो।
  6. प्रत्येक गोल होने पर खेल ऊपर बतायी गयी तकनीक से ही आरम्भ होगा। प्रत्येक गोल के बाद किक ऑफ उसी टीम का खिलाड़ी करेगा, जो गोल खा चुकी है।
  7. मध्यान्तर के बाद खेल पुनः प्लेस किक से आरम्भ होगा। इस समय जिस टीम ने पहले किक ली थी, उसके विरोधी टीम के खिलाड़ी द्वारा किक ली जायेगी।

खिलाड़ियों के उपकरण

  1. खिलाड़ी को कोई ऐसी वेशभूषा धारण नहीं करनी चाहिए, जिससे किसी अन्य खिलाड़ी को कोई हानि हो।
  2. जूतों के तलों पर लगे बॉर चमड़े अथवा रबड़ के होने चाहिए। इनकी बनावट चपटी होनी चाहिए। यह आधा इंच से कम नहीं होनी चाहिए, इनके स्टड गोल होने चाहिए।
  3. जूते के स्टड चमड़े, रबड़ एल्युमिनियम या प्लास्टिक के बने होने चाहिए। ये ठोस होने चाहिए तथा इनकी मोटाई आधा इंच होनी चाहिए। स्टड जूते निचले तले से चौथाई इंच से अधिक मोटे नहीं होने चाहिए। स्टड गोलाकार होने चाहिए।
  4. यदि जूतों में पेच टाइप स्टड हो, तो उनमे आधार रूप में धातु का प्रयोग होना चाहिए। पेच के प्रत्येक संयोजक भाग को स्टड की मोटाई के अन्तर्गत लिया जाना चाहिए। .
  5. जूतों के तलवे के ऐसे स्टड, जो तलवे के साथ मोल्ड किये गये हों या बदल सकते हो, वे रबड़, प्लास्टिक या पॉलीथिन से बनाये जाने चाहिए। ऐसे स्टडों की संख्या कम – से – कम 10 होनी चाहिए तथा इनका व्यास एक इंच होना चाहिए।
  6. जूतों के अतिरिक्त खिलाड़ी के प्रयोग में आने वाली अन्य वस्तुएं है – जर्सी, निकर, लम्बे मौजे।
  7. गोलकीपर के कपड़े अपनी टीम के अन्य खिलाड़ियों से भिन्न रंग के होने चाहिए, ताकि उसे सरलता से पहचाना जा सके।
  8. यदि कोई खिलाड़ी वेशभूषा सम्बन्धित उपरोक्त नियमों का उल्लघंन करता है, तो सम्बन्धित खिलाड़ी को अपनी वेशभूषा ठीक करने के लिए मैदान से बाहर कर दिया जायेगा। मैदान में पुनः प्रवेश करने पर उसे रेफरी को सूचित करना होगा और वह तभी मैदान में प्रवेश कर सकता है, जब गेंद डेड हो गयी हो।

अन्तर्राष्ट्रीय बोर्ड के निर्णय (फुटबॉल के नियम)

  1. अन्तर्राष्ट्रीय बोर्ड के अनुसार यह आवश्यक नहीं कि खिलाडी फुटबॉल के जूते ही पहने। परन्तु यदि अधिक खिलाड़ियों ने फुटबॉल के जूते पहने है, तो सभी खिलाड़ियों को फुटबॉल के जूते पहनने होंगे।
  2. अन्तर्राष्ट्रीय मैचों, प्रतियोगिता मैचों, क्लब प्रतियोगिताओं या विभिन्न राष्ट्रीय संगठनों के फुटबॉल क्लबों के मैत्री मैचों में रेफरी खेल आरम्भ होने से पूर्व सभी खिलाड़ियों के जूतों का निरीक्षण करेगा। यदि किसी खिलाड़ी के जूते नियम के अनुरूप नहीं होते, तो उसे तब तक खेलने नहीं दिया जायेगा, जब तक वह उन जूतों को नियम के अनुसार बदलकर नहीं आता।
  3. यदि किसी खिलाड़ी ने कोई ऐसी वस्तु धारण की है, जिससे किसी अन्य खिलाडी को हानि हो सकती है, तो रेफरी उस खिलाडी को उस वस्तु को उतारने के लिए कहेगा।
  4. यदि किसी खिलाड़ी को नियम उल्लघंन करने पर मैदान के बाहर भेजा गया है और वह रेफरी को बिना सूचित किये मैदान में प्रवेश करता है या खेल के बीच में ही प्रवेश करता है, तो रेफरी उसे चेतावनी देगा।

रेफरी

  1. रेफरी मैदान, खेल तथा खिलाड़ियों का नियन्त्रक होता है। खेल में उसका निर्णय ही अन्तिम तथा मान्य होगा।
  2. रेफरी का कार्य है कि वह मैच के दौरान खेल के सभी नियम पूर्ण रूप से लागू करें तथा किसी भी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा करे। .
  3. रेफरी खेल के समय का अंकन करता है।
  4. रेफरी को खेल का पूरा रिकॉर्ड रखना होता है।
  5. यदि किसी खिलाड़ी को चोट लग जाती है, तो वह खेल को रोक सकता है तथा जिस खिलाडी को चोट लगी है, तो उसे शीघ्र मैदान से बाहर कर पुनः खेल आरम्भ करवाना चाहिए।
  6. यदि कोई खिलाड़ी किसी नियम का उल्लघंन करता है, तो रेफरी को तुरन्त खेल को रुकवाना चाहिए।
  7. खिलाड़ियों और लाइनमैनो के अतिरिक्त कोई भी अन्य व्यक्ति मैदान में बिना रेफरी की अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकता।
  8. यदि कोई खिलाडी मैच के दौरान अभद्र व्यवहार करता है, तो रेफरी को ऐसे खिलाड़ी को चेतावनी देकर मैदान से बाहर कर देना चाहिए।
  9. सभी प्रकार के स्थगन तथा व्यवधानों के बाद खेल को पुनः शीघ्र आरम्भ करवाना भी रेफरी का ही कार्य है।
  10. रेफरी को खेल आरम्भ होने से पूर्व गेंद की भी जांच कर लेनी चाहिए कि गेंद नियम में दिये गये मानकों के अनुसार है या नहीं।

अन्तर्राष्ट्रीय बोर्ड के निर्णय (फुटबॉल के नियम)

  1. अन्तर्राष्ट्रीय मैचों के रेफरी को कमीज पहननी होगी और उस कमीज का रंग खेल रहे खिलाड़ियों की वेशभूषा के रंगो से भिन्न होना चाहिए।
  2. अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में मैच में खेल रही दोनों टीमों के अतिरिक्त किसी तीसरे देश के रेफरी को नियुक्त किया जायेगा।
  3. रेफरी का चयन अन्तर्राष्ट्रीय रेफरियों की अधिकृत सूची में से किया जाना चाहिए।
  4. यदि मैच के दौरान कोई भी व्यक्ति कोई अभद्र व्यवहार करता है, जिससे खेल पर असर पड़े, तो रेफरी इसकी रिपोर्ट उपयुक्त अधिकारी अथवा सस्था को करेगा।
  5. यदि रेफरी अपना निर्णय बदलता है, तो वह ऐसा खेल को पुनः आरम्भ किये जाने से पहले कर सकता है।
  6. किसी गड़बड़ी की आशंका होने पर रेफरी मैच को समय से पहले ही समाप्त कर सकता है। ऐसे में उसे उपयुक्त अधिकारी या संस्था को विस्तृत रिपोर्ट भेजनी होगी।
  7. यदि कोई खिलाड़ी एक समय में दो भिन्न प्रकार के नियमोँ को भंग करता है, तो रेफरी उसे उसी नियम भंग के लिए दण्डित करे, जो अधिक गम्भीर हो।
  8. यदि किसी घटना को रेफरी किसी कारणवश नहीं देख पाता, तो उसे लाइनमैन से इसकी जानकारी लेकर ही कार्रवाई करनी चाहिए।

लाइनमैन

  1. नियम के अनुसार मैच के लिए दो लाइनमैनो की नियुक्ति की जायेगी।
  2. यदि गेंद खेल से बाहर होती है या कौन सी टीम को कार्नर किक, गोल किक या थ्रो – इन मिलता है, इन सब बातों की सूचना वह रेफरी को देगा।
  3. लाइनमैन खेल को नियमपूर्वक चलाने में रेफरी की सहायता करता है।
  4. यदि लाइनमैन खेल में अनावश्यक हस्तक्षेप करता है, तो रेफरी उसे हटाकर उसके स्थान पर किसी दूसरे लाइनमैन की नियुक्ति कर सकता है।
  5. लाइनमैनो के पास उसी क्लब के झण्डे होने चाहिए, जिस क्लब के मैदान पर मैच खेला जा सकता है।

अन्तर्राष्ट्रीय बोर्ड के निर्णय (फुटबॉल के नियम)

  1. यदि किसी कारणवश रेफरी की द्रष्टि किसी नियम भंग के मामले पर नहीं पड़ती, तो लाइनमैन का कर्तव्य है कि वह इसकी जानकारी रेफरी को दे, परन्तु ऐसी स्थिति में निर्णय लेने का अधिकार केवल रेफरी को ही होगा।
  2. अन्तर्राष्ट्रीय मैचों के लिए तटस्थ राष्ट्रीयता वाले अधिकृत रेफरियों को ही लाइनमैन के तौर पर नियुक्त किया जाना चाहिए।
  3. अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में लाइनमैन अलग -अलग रंगो के चमकदार झण्डे प्रयोग करेंगे।
  4. यदि रेफरी लाइनमैन के विषय में रिपोर्ट करता है कि उसने कोई अभद्र व्यवहार किया है या अनावश्यक हस्तक्षेप किया है, तो ही उसके विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है।

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