फुटबॉल: खेल का मैदान, खिलाड़ियों की संख्या और गेंद की जानकारी

फुटबॉल एक बहुत ही पुराना खेल है। यह खेल दो टीमों के मध्य खेला जाता है। फुटबॉल को एक आयताकार घास या कृत्रिम घास के मैदान में खेला जाता है। इस मैदान के दोनों छोरो पर एक – एक गोल होता है। इस खेल में खिलाड़ियों का मुख्य उदेशय विरोधी टीम के गोल में गेंद को डालना होता है। खेल में गोलरक्षक ही एकमात्र ऐसा खिलाड़ी होता है, जिसे गेंद को रोकने के लिए अपने हाथ का प्रयोग करने की अनुमति होती है। टीम के शेष खिलाड़ी आमतौर पर गेंद को ठोकर मारने, अर्थात गेंद को किक करने के लिए अपने पांव का प्रयोग करते है और कभी – कभी हवा में गेंद को रोकने के लिए वे अपने धड़ या फिर सिर का प्रयोग करते है।

जो टीम खेल के अन्त में या समय समाप्ति तक अधिक गोल करती है, उसे विजयी घोषित किया जाता है। खेल की समाप्ति पर यदि स्कोर बराबर रहे तो उस मुकाबले को बराबर या ड्रॉ घोषित किया जाता है या खेल को अतिरिक्त समय में ले जाना या पेनल्टी शूट आउट के द्वारा हार – जीत का निर्णय करना सब प्रतियोगिता के स्वरूप पर निर्भर करता है।

आधुनिक फुटबॉल को इंग्लैण्ड में द फुटबॉल एसोसिएशन, अर्थात फुटबॉल संघ के गठन के साथ कुटबंध किया गया। 1863 में लॉज ऑफ दा गेंद के आधार पर ही आज फुटबॉल खेली जाती है। अन्तर्राष्ट्रीय आधार पर फुटबॉल का नियन्त्रण फेडरेशन इण्टरनेशनल डी फुटबॉल एसोसिएशन या एसोसिएशन फुटबॉल का अन्तर्राष्ट्रीय महासंघ, जिसे सक्षेप में FIFA या फीका कहा जाता है, करता है। फुटबॉल की सबसे प्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय और लोकप्रिय प्रतियोगिता फीका विश्व कप है। इसका आयोजन प्रत्येक चौथे वर्ष किया जाता है।

फुटबॉल खेल का मैदान

  1. अन्तर्राष्ट्रीय मैचों के लिए फुटबॉल के मैदानों का नाप अधिकतम 110 x 75 मीटर तथा न्यूनतम 100 x 64 मीटर होना चाहिए।
  2. फुटबॉल के सभी राष्ट्रीय संगठन इसी माप के मैदानों पर मैच करायेंगे।
  3. गोल रेखा की मोटाई या चौड़ाई गोल खम्भें व क्रॉस बॉर की मोटाई या चौड़ाई जितनी होनी चाहिए।
  4. गोल क्षेत्र को मापने के लिए 5.5 मीटर व पेनल्टी क्षेत्र को मापने के लिए 16. 5 मीटर की सकमोण रेखाएं गोल रेखा या गोल पोस्ट के किनारे से मापी जानी चाहिए।
  5. क्षेत्र के अन्दर खींची गयी रेखाओं के माप में उनकी मोटाई व चौड़ाई भी सम्मिलित होगी।
  6. टीमों को उचित मानक वाली स्टैण्डर्ड सामग्री उपलब्ध करवाने का उत्तरदायित्व सभी खेल संगठनों की है। यदि ये खेल संगठन ऐसा नहीं करते, तो उसकी शिकायत फीफा (FIFA) को अवश्य करनी चाहिए।
  7. यदि मैच के दौरान क्रॉस बॉर टूट जाता है या गिर जाता है, तो मैच को तुरन्त रोक दिया जायेगा और क्रॉस बॉर को पुनः लगाकर ही मैच पुनः आरम्भ किया जायेगा।
  8. क्रॉस बॉर के स्थान पर रस्सी का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
  9. गोल पोस्ट अथवा क्रॉस बॉर लकड़ी या अन्तर्राष्ट्रीय फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा प्रमाणित धातु के बने होने चाहिए।
  10. गोल पोस्ट या क्रॉस बॉर का आकार आयाताकार, गोल अथवा अर्द्धगोलाकार हो सकता है।

गेंद

  1. फुटबॉल की गेंद का आकार गोल होना चाहिए।
  2. गेंद चमड़े अथवा प्रमाणित सामग्री की बनी होनी चाहिए।
  3. गेंद का भार 14 से 16 औस होना चाहिए।
  4. यदि मैच के दौरान गेंद की हवा निकल जाती है या गेंद फट जाती है, तो मैच तुरन्त रोक दिया जायेगा। नयी गेंद के आने पर ही खेल को पुनः आरम्भ किया जायेगा और उसे वही पर गिराकर खेल आरम्भ किया जायेगा, जहां पर वह ख़राब हुई थी।

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फुटबॉल में खिलाड़ियों की संख्या

  1. प्रत्येक टीम में 11 – 11 खिलाड़ी होते है।
  2. किसी भी टीम को एक मैच में दो से अधिक खिलाड़ियों को बदलने या स्थानापन्न करने की अनुमति नहीं होगी।
  3. यह स्थानापन्न अन्तर्राष्ट्रीय एसोसिएशन या राष्ट्रीय संगठन की अनुमति से किया जा सकता है।
  4. किसी भी अन्य मैच में दोनों टीमों की सहमति से अधिकतम 5 खिलाड़ियों को बदला जा सकता है।
  5. यदि दोनों टीमों में उपरोक्त सहमति होती है, तो उन्हें मैच आरम्भ होने से पूर्व रेफरी को ऐसा बात की जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने पर इस सहमति को मान्यता नहीं दी जायेगी।
  6. गोलकीपर में परिवर्तन मैच के दौरान किसी व्यवधान या रूकावट के समय ही किया जा सकता है और इसके लिए भी रेफरी को पहले जानकारी देनी होगी।
  7. खेल क्षेत्र में सबस्टीटयूट खिलाडी तब तक प्रवेश नहीं कर सकता, जब तक वह खिलाड़ी जिनके स्थान पर वह खिलाडी जिसके स्थान पर वह आ रहा है, मैदान से बाहर नहीं आ जाता या रेफरी उसे अन्दर आने का संकेत नहीं देता।
  8. मैदान में किसी व्यवधान के समय सबस्टीट्यूट खिलाड़ी मध्य रेखा के स्थान से प्रवेश करेगा।
  9. यदि सबस्टीट्यूट खिलाड़ी उपरोक्त नियम का उल्ल्घंन करता है, तो खेल को रोक दिया जायेगा तथा रेफरी सम्बन्धित खिलाडी को चेतावनी देगा और गेंद खेल से बाहर मानी जायेगी।

खेल की अवधि

  1. खेल का कुल समय 90 मिनट होगा, जो कि 45 – 45 मिनट की दो परियों में विभाजित होगा।
  2. दोनों टीमों के आपसी समझौतों के द्वारा खेल की अवधि घटायी भी जा सकती है, परन्तु इसके लिए निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जायेगा –

() खेल में किसी दुर्घटना से यदि समय नष्ट होता है, तो रेफरी उसके अनुसार समय की छूट दे सकता है।

() खेल के किसी भी सत्र का समय पूरा होने पर भी रेफरी पेनल्टी किक के लिए समय की छूट दे सकता है।

() दोनों पारियों के मध्य पांच मिनट का समय होता है। रेफरी की अनुमति के बिना इसे घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता।

अन्तर्राष्ट्रीय बोर्ड का निर्णय

  1. यदि रेफरी मैच को निर्धारित समय से पहले रोक देता है, तो मैच पुनः आरम्भ होने पर पूरे समय तक खेल खेला जायेगा।
  2. 45 – 45 मिनट की दो परियों के मध्य पांच मिनट का विश्राम आवश्यक है।

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