वॉलीबॉल खेल खेल दो टीमों के मध्य खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 6 खिलाड़ी होते है। जाल खेल के मैदान को दो भागों में बाटता है। इसमें गेंद हाथ या बाजू के प्रहार से खेली जाती है। इस खेल में प्रत्येक टीम गेंद को विपक्षी के पाले में गिराने का प्रयत्न करती है तथा वह इस बात का भी ध्यान रखती है कि गेंद उनके पाले की भूमि को स्पर्श न करे।
बाद की पंक्ति का दाया खिलाड़ी सर्विस द्वारा गेंद पर प्रहार कर विपक्षी के पाले में फेंकता है। गेंद पर प्रहार गेंद को रोकने की अवस्था के अतिरिक्त तीन बार हो सकता है, परन्तु कोई भी खिलाड़ी गेंद पर दो बार प्रहार नहीं कर सकता। जब तक गेंद किसी के पाले में नहीं गिरती अथवा पाले से बाहर नहीं गिरती, तब तक खेल जारी रहेगा। यदि सर्विस करने वाली टीम अंक जीतती है, तो उसका स्कोर बढ़ता है। यदि सर्विस प्राप्त करने वाली टीम अंक जीतती है, तो उसे सर्विस करने का अवसर मिलता है।
यदि कोई टीम 15 अंक प्राप्त कर 2 अंको की बढ़त प्राप्त करती है, तो वह एक सैट जीत जाती है। तीन सैट जीतने पर टीम को विजयी घोषित कर दिया जाता है। यदि दोनों टीमों के मध्य टाई हो जाती है, अर्थात दोनों ही टीमें 16 – 16 अंक प्राप्त कर लेती है, तो 17वा अंक प्राप्त करने वाली टीम विजयी मानी जायेगी।
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वॉलीबॉल खेल का मैदान
आयाम
- मैदान की लम्बाई 18 मीटर तथा चौड़ाई 9 मीटर होगी। इसके साथ 3 मीटर चौड़ा स्वतन्त्र मैदान होगा। यह जमीन से 7 मीटर की ऊंचाई पर सभी बाधाओं से मुक्त होगा।
- मैदान 5 सेण्टीमीटर चौड़ी रेखाओं द्वारा अंकित होगा। ये रेखाएं सभी बाधाओं से कम – से – कम 6 मीटर दूर होगी। जाल के नीचे की केन्द्रीय रेखा मैदान को दो बराबर भागो में बांटेगी। साइड से 5 मीटर और पीछे से कम – से – कम 8 मीटर। ओलम्पिक खेलों तथा विश्व प्रतियोगिताओं के लिए फ्री जोन कम – से – कम साइड लाइन से 6 मीटर तथा रेखाओं से 9 मीटर के माप से होगा।
खेल के मैदान
- इसका मैदान समतल तथा एकसार होना चाहिए।
- खेल का मैदान ऐसा होना चाहिए, जिस पर खेलने से खिलाड़ियों को चोट न लगे।
- “इनडोर” खेल के मैदान की सतह हलके रंग की होगी तथा अधिकारिक अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भिन्न – भिन्न रंग की होगी।
- अधिकारिक अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेल के मैदान का तल लड़की अथवा किसी सन्शलिबट पदार्थ का हो सकता है। खेल के मैदान का तल एफ आई बी बी से स्वीकृत होना चाहिए।
मैदान की रेखाएं
- रेखाओं की ऊंचाई 5 मि मीटर होगी। यह फर्श के रंग से अलग और हलके रंग की होगी।
- खेल के मैदान में दो पीछे की तथा दो अन्त की रेखाए होगी।
- बीच की रेखा 9 मीटर x 9 मीटर लम्बी होगी, जो खेल के मैदान को दो भागों में बांटेगी।
वॉलीबॉल खेलने का जोन
आक्रमण क्षेत्र: मैदान के प्रत्येक आधे भाग में केन्द्रीय रेखा के समानान्तर 3 मीटर दूर 5 सेण्टीमीटर की रेखा खींची जाती है। इसकी चौड़ाई तीन मीटर के अंतग्रत आती है।
सर्विस क्षेत्र: 15 x 15 सेण्टीमीटर की दो रेखाएं 20 सेण्टीमीटर दूर पीछे की ओर खींची जाती है। ये दोनों रेखाए सर्विस क्षेत्र को निर्धारित करती है। एक रेखा दायी ओर रेखा के विस्तार में और दूसरी बायीं ओर की रेखा से 9 मीटर पर खींची जाती है।
तापमान: तापमान न्यूनतम 10 डिग्री सेन्टीग्रेड होना चाहिए। आधिकारिक अन्तर्राष्ट्रीय इनडोर प्रतियोगिता का तापमान अधिकतम 25 डिग्री होना चाहिए।
प्रकाश व्यवस्था: आधिकारिक अन्तर्राष्ट्रीय इनडोर प्रतियोगिताओं में प्रकाश व्यवस्था 1000 से 1500 Luxes के मध्य होनी चाहिए।
जाल तथा खम्भे
जाल: जाल की लम्बाई 9. 50 मीटर तथा चौड़ाई 3 मीटर होगी। इसके छेद 10 सेण्टीमीटर चौकोर होंगे। इसके ऊपरी भाग में 5 सेण्टीमीटर चौड़ा सफ़ेद कैनवस का फीता इस प्रकार खींचा जाना चाहिए कि इसके अन्दर लचीला तार जा सके। इसी प्रकार जाल को नीचे की ओर रस्सी से खींचकर बाधा जायेगा, ताकि जाल पूरी तरह खुल सके।
पाशर्व पट्टे: 5 सेण्टीमीटर चौड़े तथा 1 मीटर लम्बे सफ़ेद वस्तु के दो टेप जाल के दोनों ओर केन्द्र रेखा और पाशर्व रेखा के साथ लगाये जायेगे।
एण्टीना: फाइबर ग्लास के दो एण्टीने, जिसकी लम्बाई 1.8 मीटर और चौड़ाई 10 मिलीमीटर होगी, दोनों पाशर्व के पट्टो पर बाधे जायेगे। एण्टीने जाल का भाग माने जायेगे।
वॉलीबॉल खेल में जाल की ऊंचाई
- जाल की ऊंचाई बीच से मापी जायेगी।
- पुरुषो के लिए जाल की ऊंचाई केन्द्र में जमीन से 2 मीटर 43 सेण्टीमीटर होगी तथा स्त्रियों के लिए 2 मीटर 24 सेण्टीमीटर होगी।
खम्भे: जाल को बांधने के लिए खेल के मैदान के दोनों ओर दो खम्भें होंगे। जिनकी ऊंचाई 2.55 मीटर होगी तथा वह गोल होंगे।
वॉलीबॉल खेल की गेंद
- गेंद गोल तथा नरम चमड़े की बनी होनी चाहिए। इसके अन्दर रबड़ या किसी ऐसी ही वस्तु का बना हुआ ब्लैडर हो। इसकी परिधि 65 सेण्टीमीटर से लेकर 67 सेण्टीमीटर होनी चाहिए। इसका भार 260 ग्राम से लेकर 280 ग्राम तक होना चाहिए। गेंद में हवा का दवाब 0.48 और 0.52 किलोग्राम cm2 के मध्य होना चाहिए। गेंद एक ही रंग की तथा हल्के रंग की होगी।
- मैच में प्रयोग आने वाली सभी गेंदो की परिधि, भार और दवाब एक जैसी होगी।
- आधिकारिक अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में तीन गेंदो का प्रयोग होता है।
टीम का चुनाव तथा पंजीकरण
- जिन खिलाड़ियों का नाम स्कोर पत्र पर होगा, केवल वही खिलाड़ी मैच में हिस्सा लेगा।
- टीम में अधिकतम 12 खिलाड़ी होंगे जिसमें से एक शिक्षक, एक डॉक्टर एक प्रशिक्षक तथा एक सहायक शिक्षक होगा।
- यदि शिक्षक तथा दल नायक स्कोर पत्र पर हस्ताक्षर कर देते है. तो उस पर अंकित खिलाड़ियों को बदला नहीं जायेगा।
टीम कप्तान की नियुक्ति
- जिन खिलाड़ियों के नाम स्कोर पत्र में होंगे, उसमे से एक को टीम का कप्तान नियुक्त किया जायेगा।
- टीम के कप्तान की छाती की बायीं ओर 8 x 8 सेण्टीमीटर का रिबन बंधा होगा। रिबन का रंग उसकी वेशभूषा से अलग होगा।
- यदि टीम का कप्तान खेल के मैदान को छोड़ता है, तो शिक्षक किसी अन्य खिलाड़ी को कप्तान नियुक्त करेगा।