National Education Policy 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कुछ मुख्य बातें

National Education Policy 2020: दोस्तों जैसे की आप सभी लोग जानते हो, मानव संसाधन मंत्रालय ने प्रबंधन मंत्रालय ने एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव किया है। यह बदलाव इसरो प्रमुख डॉक्टर कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में किया गया है। हम आपको इस लेख के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से सम्बंधित जानकारी प्रदान करने जा रहे है। आपको इस लेख के माध्यम से एजुकेशन पॉलिसी में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी दी जाएगी।  राष्ट्रीय शिक्षा नीति  के अंत गर्त  स्कूलों तथा कॉलेजो में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जाती है। भारत सरकार ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 2020 में शुरू है। सरकार  ने नेशनल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) में बहुत सारे बदलाव किए है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतगर्त 2030 तक स्कूली छात्राओ को शिक्षा में 100 % जी ई आर पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विदयालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and low studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परन्तु अब नयी शिक्षा नीति के अंत गर्त  5 +3 +3 +4 का  पैटर्न फॉलो किया जाएगा। यह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2024 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल किए जाएगे।

इस निति में शिक्षको की गुणवंता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किये जायेंगे। नयी स्कूली शिक्षा व्यवस्था में शिक्षा पात्रता (TET) के स्वरूप में भी बदलाव होगे। अभी तक TET परीक्षा दो भागो में बटी हुई थी पार्ट 1 और पार्ट 2 लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बटा है फाउंडेशन , प्रीपेरेटरी , मिडल और सेकेंडरी। टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट का पैटर्न भी इसी के आधार पर सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जाएगा। सभी विषयों की परीक्षाए और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगी।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जी ने मुख्य तोर पर इन कुछ बातो पर चर्चा की थी ।

प्रधानमंत्रीजी ने कहा कि नयी शिक्षा नीति नए भारत का आधार बनेगी।

भारत के छात्रों को नयी शिक्षा नीति ग्लोबल सिटीजन बनाएगी और इसी के साथ यह नयी शिक्षा नीति उन्हे अपनी सभ्यता से भी जोड़े रखेंगी।

छात्रों को इस नयी नीति के माध्यम से अपने पेंसन को फॉलो करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस सबोधन में होर्ड मेंटालिटी का भी जिक्र किया है।

प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि छात्रों को अपनी इंटरेस्ट, एबिलिटीऔर डिमांड की मैपिंग करनी चाहिए।

छात्रों को क्रिटिकल थिंकिंग के विकास करने की आवश्कता है।

प्रधानमंत्री जी  ने यह कहा कि अब हम ऐसे युग में प्रवेश करने जा रहे है एक व्यक्ति कोई एक प्रोफेशन अपनी पूरी जिंदगी फॉलो नहीं करेगा तो यह नयी शिक्षा नीति इस बात को ध्यान में रखते हुए आंरभ की है।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अब तक  एजुकेशन पॉलिसी व्हाट ऊ थिक पर फोकस करती थी लेकिन यह नयी शिक्षा नीति अब हाउ टू थिक पर फोकस करेगी।

इस नयी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को एप्लीमेन्ट करने के लिए शिक्षा विभाग से जुड़े व्यक्तियों का बहुत बड़ा योगदान होगा। टीचर्स ट्रेनिंग भी खास ध्यान दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन मैम टीपल एंट्री तथा एक्जिट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है।

कक्षा पांचवी तक कई भाषाओ में पढ़ाए जाने का प्रावधान इस नयी शिक्षा नीति में शामिल किया गया है।

National Education Policy 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कुछ मुख्य बातें

वित्तीय सहायता

National Education Policy 2020 के अंतगर्त राष्ट्रीय छात्रवत्ति का विस्तार किया जायेगा।बच्चों को इस के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिससे की बच्चे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित हो और उनका विकास हो। नयी नीति के माध्यम से प्राइवेट एजुकेशन इंस्टीटयूशन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। ताकि वह अपने बच्चों को छात्रवृत्तिया प्रदान कर सके।

आईआईटी बहु विषयक सस्थान बनाए जाएंगे

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतगर्त आईआईटी जैसे इंजीनियरिंग सस्थानो के मानविकी छात्रों के लिए दरवाजे खोले जायेंगे। आईआईटी बहु विषयक शिक्षा की और आगे बढ़ेगा।

विदेशी छात्रों के लिए अंतराष्ट्रीय छात्र कार्यालय

नयी शिक्षा निति के अंतगर्त कम लागत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाला एक वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रत्येक सस्थानो में इस योजना के अंतगर्त विदेशी छात्रों को पढ़ाई करने के लिए एक अंतरास्ट्रीय छात्र कार्यालय की स्थापना होगी।

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना  

इस योजना के तहत नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना करी जाएगी। जिसके माध्यम से शोध की संस्कर्ति को सक्षम बनाया जाएगा। भारत में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना द्वारा शोधकर्ताओ को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे नयी नयी रिसर्च सामने आएगी जो देश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतगर्त बोर्ड परक्षा के महत्व में बदलाव 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतगर्त बोर्ड परीक्षा का महत्व घटाया गया है। जिसके अंतरगर्त बच्चों में तनाव की कमी आएगी। बोर्ड की परीक्षा को दो भागो में आयोजित किया जाएगा। नयी शिक्षा नीति के अंतगर्त ज्ञान बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

 पाठयक्रम में बदलाव 

 नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतरगर्त पाठ्यक्रम को भी कम किया जाएगा। नयी शिक्षा नीति में केवल इतना ही पाठ्यक्रम रखा जाएगा जो अनिवार्य है। इसी के साथ क्रिटिकल थिंकिंग पर ध्यान दिया जाएगा। इस योजना के अंतरगर्त टेक्नोलोजी के माध्यम से जैसे की टीवी चैनल ,ऑनलाइन बुक ,ऐप आदि से भी पढ़ाई को बढ़ावा दिया जाएगा।

नयी शिक्षा निति की विषेशताए

  • मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतगर्त शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। जिसमे मेडिकल और लॉ की पढ़ाई नहीं शामिल की जाएगी।
  • पहले 10 + 2  का पैटर्न फॉलो किया जाता था पर अब नयी एजुकेशन पॉलिसी के अंतगर्त  5 +3 +3 +4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। जिसमे 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी और 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा होगी।
  • छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटरशिप आंरभ कर दी जाएगी।
  • पाँचवी कक्षा तक शिक्षा मातृभाषा या फिर शास्त्र्या भाषा में प्रदान की जाएगी।
  • पहले साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट स्टीम होती थी.अब ऐसी कोई भी स्ट्रीम नहीं होगी। विद्यार्थी अपनी इच्छा अनुसार विषय चुन सकेंगे।
  • इस योजना में छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट का कोई भी सब्जेक्ट पढ़ सकेंगे।
  • नयी शिक्षा नीति में छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाई जाएगी।
  • सभी स्कूलों को स्मार्ट क्लास इक्विप्ड किये जायेगे।
  • सभी प्रकार की एकंटेट को कई भाषा में ट्रांसलेट किया जायेगा।
  • इस नीति के द्वारा वेचुअल लैब डेवलप की जाएगी।

National Education Policy: शिक्षा निति में क्या बदलाव किये जायेंगे 

  • उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ कई प्रविष्ठिया और निकास बिंदु होंगे।
  • स्नातक कोर्स 3 या 4 साल का होगा। जिसमे कई सारे एक्जिट ऑप्शन होंगे। और उचित सर्टिफिकेशनके साथ होंगे जैसे कि यदि छात्र ने 1 साल स्नातक कोर्स किया है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जायेगा। छात्र को दो साल के बाद एडवांस डिम्लोमा दिया जाएगा। 3 साल के बाद डिग्री दी जाएगी और 4 साल के बाद रिसर्च के साथ बैचलर डिग्री दी जाएगी।
  • उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ कई प्रविष्ठिया और निकास बिंदु होंगे।
  • स्नातक कोर्स 3 या 4 साल का होगा। जिसमे कई सारे एक्जिट ऑप्शन होंगे। और उचित सर्टिफिकेशनके साथ होंगे जैसे कि यदि छात्र ने 1 साल स्नातक कोर्स किया है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जायेगा। छात्र को दो साल के बाद एडवांस डिम्लोमा दिया जाएगा। 3 साल के बाद डिग्री दी जाएगी और 4 साल के बाद रिसर्च के साथ बैचलर डिग्री दी जाएगी।
  • इलनिंग पैर जोर देकर पाठ्य पुस्तकों की निर्भरता को काम करना भी इस नयी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उदेश्य है।
  • राष्ट्रीय परिक्षण एजेंसी उच्च शिक्षा सस्थानो में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा की पेशकश करेगी।
  • 2030 तक हर जिले में कम से कम एक बड़ी बहु विषयक उच्च शिक्षा सस्थान का निर्माण किया जाएगा।
  • 2040 तक सभी उच्च शिक्षा सस्थानो को बहु विषय सस्थान बनाने का लक्ष्य इस नयी शिक्षा नीति में रखा जाएगा।
  • चिकित्सा और क़ानूनी शिक्षा को छोड़कर भारतीय उच्च शिक्षा आयोग सम्पूर्ण उच्च शिक्षा के लिए एकमात्र निकाय होगा।
  • भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के पास चार वर्टिकल होंगे जो की नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी काउंसिल ,हायर एजुकेशन काउंसिल,जनरल एजुकेशन काउंसिल तथा नेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल होंगे।
  • सरकारी तथा प्राइवेट शिक्षा मानव शिक्षा नीति के अंतगर्त एक समान होंगे। तथा दिव्यांग जनो के लिए शिक्षा में बदलाव किया जाएगा।
  • नयी शिक्षा नीति के लाभजीडीपी का 6 %हिस्सा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए खर्च किया गया है।
  • पढ़ाई में संस्कृत और भारत की अन्य प्राचीन भाषाओ को पढ़ाने का विकल्प भी रखा जाएगा। छात्र अगर चाहे तो यह भाषाएँ पढ़ सकते है।
  • बोर्ड परीक्षाओ में भी बदलाव किया जाएगा। इस नीति में साल में दो बार छात्रों की बोर्ड की परीक्षा ली जाएगी।
  • पढ़ाई को आसान बनाने के लिए आटिफिसियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है।
  • एमफिल की डिग्री को हायर एजुकेशन से ख़त्म किया जा रहा है।
  • एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मैन सिलेबस में रखा जाएगा।
  • छात्राओं को तीन भाषाएं सिखाई जाएगी जो कि राज्य अपनेस्तर पर निर्धारित करेंगे।
  • प्रशिक्षण परिषद और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रुपरेखा तैयार की जाएगी।
  • इस नयी शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कई सारे सस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे की यह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी सुचारु रूप से चल सके।
  • इस योजना के अंतगर्त बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ उनकी रूचि पर  भी विशेष ध्यान दियाजायेगा
  • नयी शिक्षा नीति के अंतगर्त कोई छात्र कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में एडमिशन लेना चाहता हो तो वह पहले कोर्स से निश्चित समय तक ब्रेक ले सकता है और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकता है.

National Educaton Policy 2020: नयी राष्ट्रीय शिक्षा निति के चार चरण होंगे 

नयी शिक्षा नीति को चार चरणों में विभाजित किया है जो कि 5 + 3 + 3 + 4 का पैटर्न है।इस नए पैटर्न में 12 साल की स्कूली शिक्षा तथा 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा शामिल की गई है। सरकारी तथा प्राइवेट दोनों सस्थानों को न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को फॉलो करना होगा। न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के चार चरण इस प्रकार है।

फाउंडेशन स्टेज

तीन से आठ साल तक के बच्चो के लिए फाउंडेशन स्टेज है। जिसमे तीन साल की प्री स्कूली शिक्षा और दो साल की स्कूली शिक्षा (कक्षा एक तथा दो ) शामिल की गई है। फाउंडेशन स्टेज के अंतगर्त शिक्षा विकास तथा भाषा कौशल पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाएगा

प्रिपेटरी स्टेज

प्रिपेटरी स्टेज के अंतगर्त आठ साल से लेकर ग्यारह साल के बच्चे आएंगे। जिसमे कक्षा तीन से पाँच तक के बच्चे ही शामिल रहेंगे। बच्चों की भाषा और संख्यात्मक कौशल में विकास करना शिक्षको का मुख्य उदेशय रहेगा। इस स्टेज में बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा।

मिडिल स्टेज

मिडिल स्टेजमिडिल स्टेज के अंतगर्त कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे आएंगे। कक्षा 6 के बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी। और उन्हें वयवसायिक परीक्षण के साथ साथ इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।

सेकेंडरी स्टेज

सेकेंडरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे आएंगे। जैसे की पहले बच्चे कॉमर्स ,साइंस तथा आर्ट जैसे सब्जेक्ट लेते थे। परन्तु अब ऐसा नहीं है अब बच्चे अपनी पसंद का सब्जेक्ट ले सकते है। जैसे की बच्चे साइंस के साथ कॉमर्स या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट भी ले सकते है।

National Educaton Policy 2020: नयी शिक्षा नीति स्ट्रीम्स क्या होगी

छात्रों को अब नयी शिक्षा नीति  के अंतगर्त कोई एक स्टीम नहीं चुननी पड़ेगी। अब छात्र आर्ट सब्जेक्ट के साथ साइंस सब्जेक्ट भी पढ़ सकते है। प्रत्येक विषयो  को अन्य पाठयक्रम ना मानकर पाठ्यक्रम के रूप में देखा जाएगा जिसमे डांस ,मूर्तिकला, संगीत, खेल, योग आदि शामिल है। एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया जायेगा। पाठ्यक्रम  में शारीरिक शिक्षा को शामिल किया जाएगा। वोकेशनल तथा एकेडमिक स्टीम को अलग नहीं किया जाएगा। जिससे की छात्राओ को दोनों क्षमताओ को विकसित करने का मौका मिल सकेगा।

B.Ed की पढाई अब 4 साल की होगी 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतगर्त बीएड को चार साल का कर दिया गया है। 2030 के अंतगर्त शिक्षक की न्यनतम योग्यता 4 साल की बीएड होंगी। सभी स्टैंड अलोन शिक्षण संस्थान जो निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।

वोकेशनल स्टडीज़ पर फोकस किया जायेगा 

हमारे देश में वोकेशनल स्टडी सीखने वालो छात्रों की संख्या 5% से भी कम है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी  2020 के अंतरगर्त कक्षा छठी सेआठवीं तक के छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सिखाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिसमें लकड़ी का काम, बिजली का काम, बागबानी, मिट्टी के बर्तन आदि शामिल होंगे। 2025 के अंत तक नयी शिक्षा नीति के अंतगर्त कम से कम 50 % छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा पर जोर दिया जायेगा 

हम सभी लोग जानते है कि बच्चो को यदि उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाए तो बच्चों को आसानी से समझ में आ जाएगी।इसी बात को ध्यान में रखते हुए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतगर्त पाँचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने का निर्णय किया गया है। अब शिक्षको को पाँचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर कई भाषाओ में शिक्षा प्रदान करनी होगी। पाठ्यपुस्तकों को भी क्षेत्रीय भाषा में क्त्पढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। और यदि पाठ्यपुस्तक कई भाषाओ में उपलब्ध नहीं है तो बच्चों और शिक्षको के बीच का माध्यम क्षेत्रीय भाषा होगी। बच्चों को कक्षा एक से दो तक तीन भाषाए सिखाई जाएगी।

शिक्षकों की भर्ती

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतगर्त कई भाषाओ में बोलने वाले शिक्षको की कमी है। नयी शिक्षा नीति में विशेष तौर पर प्रयास किया जाएगा कि दी गई भाषाओ को बोलने वाले शिक्षको की भर्ती की जाए जिसके अंतगर्त रिटायर हुए शिक्षको भी दोबारा बुलाया जा सकता है।

विदेशी भाषा सिखाई  देने पर भी जोर

माध्यमिक विद्यालयों में बच्चे विदेशी भाषा भी सीख़ सकेंगे। जिसमे जर्मन चाइनीस फ्रेच जैपनीज स्पेनिश आदि भाषाए होगी। यह सभी प्रयास भारत की शिक्षा को वैश्विक तौर पर पहचान बनाने का एक प्रयास है।

National Education Policy

Leave a Comment